ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे हमसफर चाहिए, हुजूम नहीं एक मुसाफिर भी काफिला है मुझे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे कौन जाने की चाहतों में फ़राज़! क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे!!
इस ब्लॉग में मैं चुनिन्दा कवितायेँ पोस्ट करूंगा. इनमे से हर कविता ने कहीं न कहीं मेरे मन को छुआ होगा