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परखना मत

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना जहां दरिया समन्दर में मिले, दरिया नहीं रहता   हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता   मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है ख़िज़ा के बाग में जब एक भी पत्ता नहीं रहता बशीर बद्र

अब्दुल रहीम खानेखाना

रहिमन प्रीति सराहिये , मिले होत रंग दून | ज्यों जरदी हरदी तजै , तजै सफ़ेदी चून || Note: hardi= Haldi (Turmeric). Choon = Chuna (Lime). When Turmeric and Lime are mixed, red colour is formed.  Love is worth appreciating. Both lovers lose their identities (ego) and create an entirely new relationship / identity.  When turmeric and lime are mixed, Turmeric leaves the yellow shade, Lime leaves the white shade and a new red color (signifying growth, beauty) is produced. [further:  As Heer sang: रांझा रांझा करदी वे मैं  आपही रांझा होइ रांझा रांझा सद्दोनी मैनू  हीर ना अखो कोइ  (As I repeat the name of Ranjha from my entire being, there is no "I". O people, from now on call me Ranjha as Heer exists no more !!!!)]