मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये । तुम एम. ए. फ़र्स्ट डिवीजन हो, मैं हुआ मैट्रिक फ़ेल प्रिये । मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये । तुम फौजी अफ़्सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ । तुम रबडी खीर मलाई हो, मैं सत्तू सपरेटा हूँ । तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड के नीचे लेटा हूँ । तुम नयी मारूती लगती हो, मैं स्कूटर लम्बरेटा हूँ । इस कदर अगर हम छुप-छुप कर, आपस मे प्रेम बढायेंगे । तो एक रोज़ तेरे डैडी अमरीश पुरी बन जायेंगे । सब हड्डी पसली तोड मुझे, भिजवा देंगे वो जेल प्रिये । मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये । तुम अरब देश की घोडी हो, मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये । तुम दीवाली का बोनस हो, मैं भूखों की हडताल प्रिये । तुम हीरे जड़ी तश्तरी हो, मैं एल्मुनिअम का थाल प्रिये । तुम चिकेन-सूप बिरयानी हो, मैं कंकड वाली दाल प्रिये । तुम हिरन-चौकडी भरती हो, मैं हूँ कछुए की चाल प्रिये । तुम चन्दन-वन की लकडी हो, मैं हूँ बबूल की चाल प्रिये । मैं पके आम सा लटका हूँ, मत मार मुझे गुलेल प्रिये । मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है ...