पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो , आँसू छिपाते हो फेर कर नज़रे, इतना फीका मुस्कुराया न करो पापा मुझे छोड़ने आया न करो हिदायत से घर भर की लाइट्स बुझाते , सोच कर भी न कितने सामान खरीदते , गाड़ी का माइलेज चेक करते रहते , मेरे हाथ में ए टी एम थमाया न करो पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो । पानी की बॉटल रखी या नही, टिकट कही भूली तो नही , पर्स में खुले पैसे रखे या नही इतना नम प्यार जताया न करो पापा मुझे छोड़ने आया न करो । सीट के नीचे बैग जमाते , ध्यान रखना अकेली जा रही, साथ की किसी महिला को बताते, पल पल इतनी चिंता जताया न करो पापा मुझे छोड़ने आया न करो । पहुँचते ही कर देना फोन , अब कब होगा आना फिर तुम्हारा , रग रग कर देते हो तन्हा , उदासी से सर पर हाथ फिराया न करो आप स्टेशन आया न करो । मैं खामोश रीती हो...
इस ब्लॉग में मैं चुनिन्दा कवितायेँ पोस्ट करूंगा. इनमे से हर कविता ने कहीं न कहीं मेरे मन को छुआ होगा