दोस्ती जब किसी से की जाये - राहत इन्दौरी
दोस्ती जब किसी से की जाये
दुश्मनों की भी राय ली जाये
मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाये
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाये
मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाये
बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल के भी पी जाये
दुश्मनों की भी राय ली जाये
मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाये
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाये
मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाये
बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल के भी पी जाये
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